वैसे तो जानू बस्ती प्रक्रिया एक सुरक्षित प्रक्रिया मानी जाती है ,लेकिन स्वेदनशील त्वचा वाले रोगियों को इससे कुछ परेशानियां हो सकती हैं मानक उपचारों के अलावा, घरेलू उपचार भी हैं जिन्हें आप भी आजमा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, जानू बस्ती एक आयुर्वेदिक अभ्यास है जिसका उपयोग जोड़ों की सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। जानू बस्ती (जोड़ों को छेदना) में, एक चिकित्सक चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए एक जोड़ को पंचर करने के लिए एक सुई या स्केलपेल का उपयोग करेगा। जैसे के:-
- तेल ज्यादा गर्म होने से रोगी की त्वचा लाल होने लगती है।
- प्रक्रिया सही ना होने पर सूजन और दर्द बढ़ सकता है।
- कुछ लोगों को औषधि युक्त तेल से त्वचा में जलन और खुजली जैसी परेशानियां हो सकती हैं, जोके उपचार के बाद अपने आप सही हो जाती हैं
जानू बस्ती के फायदे
जानू बस्ती कण्डरा की चोटों के साथ-साथ जोड़ों में सूजन, जकड़न या भारीपन के लिए तेजी से उपचार प्रदान करती है। अन्य प्रकार की चिकित्सा पर जानू बस्ती का लाभ यह है कि इसे प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवाओं के साथ घर पर किया जा सकता है। नियमित अभ्यास से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
जानू बस्ती के दौरान, आपके जोड़ के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए रक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए आपकी कलाई में पानी (या कभी-कभी तेल) डाला जाता है। इलाज के बाद आपको कुछ दर्द महसूस हो सकता है लेकिन ज्यादातर लोगों को जानू बस्ती से इलाज कराने के एक हफ्ते के भीतर ही दर्द से राहत मिल जाती है।
सावधानियां
इसके साथ ही यह प्रक्रिया लेते समय हमें कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए जैसे के:-
- प्रक्रिया के तुरंत बाद नहाना नहीं चाहिए या फिर नहाने के लिए गर्म या गुनगुने पानी का ही प्रयोग करना चाहिए
- प्रक्रिया लेने के दौरान कोई भारी कसरत नहीं करनी चाहिए
- जानू बस्ती करवाने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
जानू बस्ती के लिए सबसे अच्छा तेल
घर पर प्राकृतिक रूप से जानू बस्ती का इलाज करने के लिए आप अपने हाथ में कुछ प्राकृतिक तेल ले सकते हैं और इसे अपने जोड़ों पर लगा सकते हैं। जोड़ों के दर्द के लिए तुलसी का तेल बहुत अच्छा होता है।
इसे लगाने के 15 मिनट बाद आपको जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी। जानू बस्ती से छुटकारा पाने के लिए आप प्रभावित जगह पर अदरक का तेल या नारियल का तेल भी लगा सकते हैं।
जानू बस्ती प्रक्रिया
इसका लक्ष्य गठिया से पीड़ित रोगियों को उनके सूजन वाले जोड़ों को कम करके दर्द से राहत प्रदान करना है। क्योंकि बहुत सी बीमारियों के लक्षण समान होते हैं, यह अंतर करना मुश्किल हो सकता है कि इन मामलों में वास्तव में कौन सी स्थिति दोष है। उदाहरण के लिए, यदि किसी रोगी को गठिया और गुर्दे की पथरी दोनों का पता चला है, तो उपचार के विकल्प के रूप में जानू बस्ती की सिफारिश की जा सकती है।
इस प्रकार के उपचार में आमतौर पर नसों पर दबाव को दूर करने के लिए विशिष्ट जोड़ों में तेल इंजेक्शन शामिल होते हैं। वास्तव में, नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) इस बारे में निर्देश प्रदान करता है कि डॉक्टर गैर-सर्जिकल प्रक्रियाओं (जैसे कायरोप्रैक्टिक विज़िट) या सर्जिकल (जैसे विशिष्ट जोड़ों में खारा इंजेक्शन लगाने) दोनों के माध्यम से जानू बस्ती उपचार कैसे कर सकते हैं।
घर पर जानू बस्ती कैसे करें
रुमेटीइड गठिया के इलाज के लिए एक चिकित्सा तकनीक है। इसका उपयोग जोड़ों, मांसपेशियों या स्नायुबंधन में तेल से मालिश करके दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। इस तकनीक का अभ्यास घर पर सरल चरणों का पालन करके किया जा सकता है: –
- अपने घुटने पर एक गर्म तौलिया रखें।
- अपने हाथ और बांह के चारों ओर एक और गर्म तौलिया लपेटें।
- दोनों हाथों को ठंडे पानी में लगभग पांच मिनट तक रखते हुए अपनी कोहनियों को एक टेबल पर रखें।
- दो से तीन मिनट आराम करने के बाद एक हाथ को पानी से निकाल लें और अपने शरीर पर बिना किसी दबाव के 15 मिनट तक तेल (जैतून या सरसों के तेल) से मालिश करें |
- दो से तीन मिनट तक आराम करने के बाद दूसरे हाथ से भी यही प्रक्रिया दोहराएं।